सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत अधिक महत्व है ये लगभग हर घर में देखने को मिलता है। तुलसी को हिन्दू धर्म में माता का दर्जा दिया गया है और इसकी पूजा की जाती है। तुलसी का पौधा जितना पवित्र होता है ये उतना है गुणकारी भी होता है ये हमें बहुत सी बीमारियों से बचाता है। तुलसी के हर भाग को हम उपयोग में लेते है ये एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है।
इसका वानस्पतिक नाम ओसीमम सैंक्टम लींन होता है। इसका हर भाग जैसे इसकी पत्तिया,इसका तेल ,जड़ और बीज हम दवाइयों में उपयोग लेते है इसलिए इसे क्वीन ऑफ़ हर्ब्स कहा जाता है। तुलसी में विटामिन ,खनिज और एंटीइंफ्लामेंटरी तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होता है।
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तुलसी के उपयोग :
इसका वानस्पतिक नाम ओसीमम सैंक्टम लींन होता है। इसका हर भाग जैसे इसकी पत्तिया,इसका तेल ,जड़ और बीज हम दवाइयों में उपयोग लेते है इसलिए इसे क्वीन ऑफ़ हर्ब्स कहा जाता है। तुलसी में विटामिन ,खनिज और एंटीइंफ्लामेंटरी तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होता है।
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तुलसी के उपयोग :
- तुलसी को हम सर्दी जुकाम में इस्तेमाल करते है। हम इसकी पत्तिया चबाकर खा सकते है या फिर इसके पत्तो का काढ़ा बना कर हम सर्दी और जुकाम से राहत पा सकते है।
- तुलसी से हमारी रोग प्रतिरोधक श्रमता बढ़ती है क्युकी ये एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। इससे हमारे दिमाग की कार्यक्षमता भी बढ़ती है और यादाश्त भी बढ़ती है।
- तुलसी हमरे चेहरे के लिए भी काफी फायदेमंद होती है इससे हमारे पिम्पल्स भी सही होते है इसके लिए हमें तुलसी के पत्ते और संतरे के छिलको का पाउडर को लेना है फिर इसमें हमें गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बना लेना है ,अब हमें इस पेस्ट को १५ मं के लिए लगाए रखना है उसके बाद हमें इसे ठन्डे पानी से धो लेना है
- तुलसी को हम चन्दन पाउडर के साथ मिलाकर लगाने से हमारा चेहरा निखरता है।
- इसमें युजेनॉल कंपाउंड पाया जाता है जोकि इंसान को कैंसर से लड़ने में मदद करता है।
- तुलसी के बीज और पत्तियों का पाउडर बना ले इसको खाने से कफ ,वात दोष दूर होते है ,इससे पाचन सकती बढ़ती है ,भूख बढ़ती है ,दिल से जुडी बीमारिया दूर होती है ,रक्त शुद्ध होता है।
- चर्म रोग जैसे दाद खाज खुजली में भी तुलसी का उपयोग करना काफी फायदेमंद है।
- कुष्ट रोग या कोढ़ में तुलसी की पत्तिया रामबाण के जैसे शाबित होती है ,इसमें हमें तुलसी के पत्ते खाने है और तुलसी की पत्तो को मसलकर उसके रस को कोढ़ वाली जगह पर मलना है।
- मासिक धर्म के दौरान कमरदर्द हो रहा हो तो हमें एक चम्मच तुलसी का रस लेना है और ऐसे पीना है अथवा तुलसी के पत्तो को चबाने से मासिक धर्म नियमित रहता है।
- तुलसी के पत्तो का रस लगाने से सिर की जु या लिक से छुटकारा मिलता है।
- इससे हमें दांत दर्द में भी आराम होता है इसमें हमें काली मिर्च और तुलसी की पत्तियों की गोली बनाकर दांत के निचे रखने से दांत का दर्द तुरंत गायब हो जाता है।
- तुलसी का सेवन हमारे गुर्दो को मजबूत बनाये रखता है। किडनी की पथरी में हमें तुलसी की पत्तियों को उबालकर बनाया गया रस को शहद के साथ ६ माह तक इसका सेवन करने से हमारी पथरी मूत्र मार्ग से बाहर हो जाती है।
- इसका उपयोग बुखार में ,दिल से जुडी समस्या में पेट दर्द में ,मलेरिआ में और बैक्टीरियल संक्रमण में होता है।
- इसका सेवन करने से सिरदर्द में भी काफी आराम मिलता है।
- तुलसी का रस (तुलसी-पत्र -स्वरस )को दिन में २-३ बार डालने से रतौंधी की समस्या दूर होती है। रतोंधी आँख की एक समस्या है इसमें हमें रात को सही से नहीं दीखता है।
- इसका काढ़ा पिने से गले की खरास से भी आराम मिलता है
- तुलसी का तेल कण में डालने से कान में सूजन और दर्द गायब हो जाता है।
- तुलसी में अदरक ,मुलेठी को घोलकर शहद के साथ लेने से सर्दी का बुखार दूर हो जाता है।
- श्वास रोगो में तुलसी के पत्ते ,काले नमक मिलाकर सुपारी की तरह मुँह में रखने से श्वास रोग में आराम मिलता है।
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